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नई शिक्षा नीति क्या है | NEP 2020 kya hai in hindi



मोदी सरकार के कार्यकाल में बहुत से परिवर्तन हरेक क्षेत्र में देखने को मिले , लेकिन 34 साल के इतिहास में इस बार शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव देखने को मिलेगा। नई शिक्षा नीति क्या है , इसके बारे में पूर्ण रूप से विस्तार से बात करेंगे की इस नीति में क्या बदलाव किये गए है। क्या इस नई शिक्षा नीति से वाकई भारत प्रगति के पथ पर चलेगा या फिर इस शिक्षा नीति New Education Policy 2020 को लाने में सरकार ने देर कर दी। सभी अहम् बातों पे चर्चा होगी बने रहे हमारे साथ तो चलिए शुरू करते है। 




New Education Policy 2020 India
NEP KYA HAI JANIYE BISTAR SE 




नई शिक्षा नीति क्या है , 2020 में हुआ लागू 


इस नई शिक्षा नीति ( New Education Policy 2020 ) को केंद्र सरकार के तरफ से हरी झंडी मिल गई है। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय ( MHRD ) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। यह नाम आज से 34 साल पहले राजीव गाँधी सरकार ने दी थी। 2018 में इस बात को लेकर आरएसएस ( RSS ) ने विवाद भी किया था की मानव कोई संसाधन नहीं है , ये नाम उनके हित खिलाफ है। लेकिन उस समय किसी को शिक्षा के क्षेत्र में किसी को ध्यान नहीं था। भारत में तो शिक्षा व्यापार बन चुका है। कोई भी सरकार आए बस उन्हें अपने पार्टी को अगले चुनाव में क्या योजना बनाना है इसकी चिंता लगी रहती है। चलिए हम ज्यादा राजनीति की बात नहीं करेंगे लेकिन इस बार ये बदलाव कोरोना महामारी के चलते हो रहा है नहीं तो भारत को आत्मनिर्भर बनाना हो या फिर शिक्षा नीति में बदलाव जैसे अहम् फ़ैसले सरकार शायद ही कभी कर पाती। इस नीति के बारे में बात करते हुए HRD मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा की ये नीति भारत के विकास में अहम् भूमिका अदा करेगी। 



शिक्षा क्षेत्र में कौन से बदलाव हुए है 


इस बार की शिक्षा नीति में 10+2 वाले व्यवस्था को सरकार ने पूरी तरह से ख़तम कर दिया गया है। क्या है ये 10+2 वाली व्यवस्था देखिये नीचे दिए गए आंकड़ों को।


10+2 को बाटकर अब इसे 5+3+3+4 के रूप में किया गया है , जिसका मतलब यह हुआ की अब स्कूल के पहले पांच वर्षो में नर्सरी , एलकेजी , युकेजी के साथ ही कक्षा पहली और दूसरी को भी शामिल करना अनिवार्य होगा। जिसे अब फ़ाउंडेशन स्टेज मन जाएगा। जिसे हम प्राइमरी स्कूल भी कहते है।


चलिए ये तो हुए पांच साल अगले तीन साल में कक्षा तीसरी , चौथी तथा पाँचवीं की तैयारी को चरण में विभाजित किया जाएगा। साथ ही सरकार के यह भी प्रयास है की इन सभी कक्षाओं के विद्यार्थी को लिखना पढ़ना अच्छी तरह आ जाए जिससे आगे की पढ़ाई में दिक्कत न हो। 


फिर अगले तीन साल में कक्षा छठी , सातवीं तथा आठवीं को तैयारी कराई जायेगी साथ ही उन्हें बढ़ती तकनीक को देखते हुए कोडिंग भी सिखाई जाएगी जिसके लिए सरकार द्वारा शिक्षकों को ख़ास रूप से ट्रेनिंग दिया जाएगा।

अब बात करते है अगले पांच साल की तो इसमें कक्षा नौवीं , दसवीं , ग्यारवाही , बारवाही , की पढ़ाई में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अब रट्टा मार के पढ़ने तथा मैट्रिक की परीक्षा को अब अनिवार्य नहीं होगा। इसका सीधा मतलब यह है की विद्यार्थी को सिर्फ अब बरवाही 12th की परीक्षा देनी होगी। इसके अलावा स्कूलों में कला ARTS , वाणिज्य COMMERCE , विज्ञान स्ट्रीम SCIENCE का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं। जो की सरकार द्वारा लिया गया काफी अच्छा फैसला है।     



NEP 2020 से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें 


34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव M.Phil भी होगा बंद। 

अब ग्रेजुएशन के 3 साल में छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ कर दूसरा कोर्स कर सकते है। जिसका मतलब है की ग्रेजुएशन के पहले साल में सर्टिफिकेट ,  दूसरे साल में पढ़ाई छोड़ने पर डिप्लोमा सर्टिफिकेट तथा तीसरे साल में डिग्री मिलेगी। 

3 साल का ग्रेजुएशन उनके लिए होगा जिनको उच्च शिक्षा नहीं लेना है। जिनको आगे की पढ़ाई जारी रखनी हो वो  3 साल के ग्रेजुएशन करने के बाद 1 साल में M.A की डिग्री ले सकते है। 

अब कोर्स चुनने के बहुत सारे विकल्प सम्मिलित होंगे। जिसका सीधा मतलब यह हुआ की विज्ञान संकाय के छात्र को यदि संगीत या इतिहास या वाणिज्य में रूचि है तो वह उसे भी चुन सकता है। इसे कोई भी अतिरिक्त विषय नहीं माना जाएगा। लेकिन इसमें पास करना अनिवार्य होगा। यह नियम कक्षा बरवाही 12वीं के छात्रों के लिए भी लागू होगा। 


M.A के छात्रों को M.phil नहीं करना होगा वो डायरेक्ट B.ED में दाख़िला ले सकते है। 

इस नई शिक्षा व्यवस्था को बनाने के लिए 2.5 लाख पंचायतों से राय ली गयी थी। जिसके आधार पर केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।  

मैट्रिक यानि 10वीं का कोई भी परीक्षा नहीं लिया जाएगा। कक्षा 9वी से 12वी तक सेमेस्टर के हिसाब से पढ़ाया जाएगा।  

ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर वर्चुअल शिक्षा नीति को तेजी से बढ़ावा दिया जाएगा। 


नई नीति का नया निष्कर्ष 

इससे पहले भी हमने देखा था की सीएसईई बोर्ड ने अपने सिलेबस में कुछ बदलाव लाये थे। अब इस नीति से कितना लाभ देश को होगा यह तो समय ही बतायेगा खैर अभी तो कोरोना महामारी से निजात मिले तब तो कोई पढ़ाई करने को सोचेगा। उम्मीद है आपको यह खबर पसंद आई होगी अपनी कीमती राय हमें नीचे कमैंट्स में दे सकते है। हमसे जुड़ने के लिए हमें नीचे दिए गए सोशल मीडिया लिंक पर फॉलो कर सकते है। 


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4 Comments

  1. Bahut Achhi Jankari Di Aapne Dhanayawad

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    1. Dhanyawad Aap Yaha Daily Articles Padh Sakte Hai

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  2. इस शिक्षा नीति को संस्कृत में उपलब्ध करवाए।

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    1. Ji Ham Poori Koshish Karenge Aap Yaha Aur Bhi Rochak Jankariya Pa Sakte Hai

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