भारत चीन युद्ध में भारत इन मामलों में चीन से आगे
India China War Battle |
एक जवाब तो चीन को उसके टिक - टॉक जैसे मशहूर एप्प्स को बैन करके भारत ने दे दिया है। फिलहाल भारत के लोगों में भी बॉयकॉट चाइना बायकाट Boycott China को लेकर आक्रोश दिख रहा है।
अब जब चीन समझौता करने को तैयार नहीं तो भारत भी अब पीछे हटने वाला नहीं है। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा को लेकर विवाद है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के अलग-अलग दावों की वजह से अक्सर विवाद होते हैं। आज हम इसी विषय के बारे कुछ अहम् बातों की चर्चा करने वाले है।
सैनिकों की तुलना में भारत चीन से आगे
India-China Comparison |
अगर दोनों देशों के रक्षा बजट की तुलना करें तो इसमें चीन बहुत आगे है। 2019 में चीन ने रक्षा क्षेत्र पर 261 अरब डॉलर खर्च किए तो भारत का रक्षा बजट 71.1 अरब डॉलर का था। हथियार भले ही चीन के पास अधिक हों, लेकिन सेना भारत के पास ज्यादा है। भारत के पास करीब 2 लाख 25 हजार पैदल सैनिक हैं, तो चीन के पास 2 लाख से 2 लाख 30 हजार के करीब पैदल सैनिक हैं। भारत के कुल सैनिकों की संख्या करीब 34 लाख है तो चीन के पास करीब 27 लाख हैं। हार्वर्ड केनेडी स्कूल बेलफर सेंटर फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल अफेयर्स के मुताबिक, भारतीय एयरफोर्स चीन से अधिक शक्तिशाली है। भारत के पास मिराज 2000 और सुखोई Su-30 जैसे जेट्स हैं जो चीन के J10, J11 और Su-27 विमानों के मुकाबले इंडियन एयरफोर्स को बढ़त दिलाते हैं। भारत के पास सभी मौसम में उड़ सकने वाले मल्टी रोल एयरक्राफ्ट हैं, जबकि चीन के J-10 के पास ही यह क्षमता है।
भारत के पास चीन से ज्यादा अनुभव
भले ही रक्षा क्षेत्र में सैनिकों पर खर्च चीन का दबदबा भारत से ज्यादा है। लेकिन बात करे अनुभव की तो भारत इसमें कई गुना आगे है। क्योंकि चीन ने अभी तक सिर्फ एक ही लड़ाई 1979 में वियतनाम से लड़ा है , और उसके बाद उसने किसी भी देश से लड़ाई नहीं की है। सिर्फ सीमा विवाद से घिरा हुआ है , और इनके पास ऊँचे क्षेत्र में युद्ध करने का कुछ खास अनुभव भी नहीं है। वही भारत की बात करे तो भारत पाकिस्तान से कई बार युद्ध कर चुका है और उसमे जीत भी हासिल की है। 29 सितम्बर 2016 में भारत के पाकिस्तान पर किया गया सर्जिकल स्ट्राइक शायद ही कोई देश भूल सकता है। भारत के पास सिर्फ अनुभव ही नहीं चीन बार्डर से सटी कई एयर बेस मौजूद है , और उनमें कई ऐसे फाइटर प्लेन है जो काम ईंधन में उड़ान भरने में सक्षम है। वहीं चीन की बात करे तो चीन एयर बेस तिब्बत की तरफ़ है , जो भारत के सीमा में प्रवेश करने में सक्षम नहीं है। तो आपने देखा की किस तरह भारत का पलड़ा चीन से कितने हद तक भारी है। ऐसे में हमें यह लगता है , की भारत अब पीछे हटने वाला नहीं है।
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भारत चीन सीमा विवाद का निष्कर्ष क्या है
चीन अभी भी भारत को 1962 वाला भारत जैसे ही समझने की भूल कर रहा है। लेकिन उस समय परिस्तिथि कुछ और थी इस समय परिस्तिथि कुछ और है। बात करे तो चीन भले ही तकनीकी छोर और हथियारों के मामलों में आगे है , वही देखना यह होगा की भारत के साथ भी अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया , रूस , फ्रांस आदि जैसे देश आज भारत के साथ खड़े है। इसमें यह देखना दिलचस्प होगा की क्या चीन अपने इरादे बदल देगा या फिर भारत - चीन युद्ध संभव है।
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रिपोर्ट - भारतीय सुरक्षा एजेंसी।
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