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CoronaVirus Cure | जानिए पतंजलि कोरोनिल टैबलेट को क्यों मिला नोटिस




जानिए पतंजलि कोरोनिल टैबलेट से जुड़े सभी दावों का सच 





Patanjali
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अब जब सभी भारत के लोग पतंजलि कोरोनिल टैबलेट का बाज़ार में आने का इंतजार कर रहे है। इसी बीच दिव्य कोरोनिल का नया मामला सामने आया है। क्या है पूरा मामला ? क्यों मिला बाबा रामदेव को आयुष मिनिस्ट्री की तरफ से नोटिस ? किस दिन से कोरोनिल भारतीय बाजारों में बिकना शुरू होगा ? आइए जानते है , कोरोनिल की पूरा सच्चाई जो शायद आप लोगों से छुपाई गई है। 545 रुपया में मिलने वाले दिव्य कोरोनिल का यह भी अफ़वाह है , की इसका कोई क्लिनिकल ट्रायल भी नहीं हुआ है , तो क्या यह कोरोनिल टैबलेट सुरक्षित है या नहीं देखिये नीचे दिए गए कुछ जरूरी अपडेट्स - - - -  


मंगलवार को हुआ था दिव्य कोरोनिल लाँच 


आज से दो दिन पहले मंगलवार को जब कोरोनिल टैबलेट लॉंच हुआ था , तो सभी देशवासियो की निगाहें दिव्य करोनिल पर टिकी थी। कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल के लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण  ने दावा किया कि इस दवा का जिन मरीज़ों पर क्लिनिकल ट्रायल किया गया, उनमें 75  फीसदी मरीज़ केवल 2  दिन में पॉजीटिव से निगेटिव और सात दिन के अंदर 100 फीसदी रोगी कोरोना से मुक्त हो गए। दवा का प्रयोग 320  लोगों पर किया गया।लेकिन पतंजलि दिव्य कोरोनिल अब विवादों के घेरे में घिरा हुआ है। आयुष मिनिस्ट्री से नोटिस मिलने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी कोरोनिल के प्रचार प्रसार को बंद कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने टवीटर पर यह जानकारी दी की हम ऐसी नकली दवाई को नहीं ख़रीद सकते है , अगली सुनवाई तक कोरोनिल के प्रचार प्रसार एवं बिक्री बंद रहेगी।  

क्यों मिला बाबा रामदेव को आयुष मिनिस्ट्री की तरफ से नोटिस



इससे पहले आयुष मिनिस्ट्री ने दिव्य कोरोनिल को बाजार में बिक्री की मंजूरी नहीं दी है, और सभी प्रकार के प्रचार प्रसार बंद करने का नोटिस जारी करते हुए वह साफ़ कर दिया है , की पतंजलि ने इससे पहले कोरोना से संबंधित आयुर्वेद के बारे में जानकारी नहीं दी है। पतंजलि योगपीठ की दवा के दावे के बाद उत्तराखंड के आयुष विभाग ने भी ये बात साफ की है कि उन्होंने कोरोना से जुड़ी किसी दवा को लाइसेंस नहीं दिया. आयुष विभाग का कहना है कि दिव्य फार्मेसी ने कोरोना से जुड़ी किसी प्रकार की दवा के लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया, न ही उन्हें इस संबंध में कोई लाइसेंस दिया गया है. उन्हें केवल इम्यूनिटी बूस्टर और बुखार की दवा के लिए लाइसेंस दिया गया है. उत्तराखंड से मिली इस मंजूरी में CORONIL को बुखार खांसी और इम्यूनिटी में सहायक बताया गया है. इस अप्रूवल में कोरोना वायरस का कोई जिक्र नहीं है.


अब बाबा रामदेव कई सारे सवालों के घेरे में 


अब जिस प्रकार से आयुष विभाग के संज्ञान में चीजें आई है उसके बाद से अब दिव्य फार्मेसी को नोटिस जारी किया जा रहा है. अगर उनकी तरफ से नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है तो फिर मंत्रालय की ओर से दिया गया ये लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा। उत्तराखंड के आयुष विभाग के लाइसेंस ऑफिसर ने ANI से हुई बातचीत में कहा है कि पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर, कफ और फीवर की दवा बनाने का ही लाइसेंस जारी किया गया था। लाइसेंस ऑफिसर ने स्पष्ट कहा कि - अनुमति लेते समय पतंजलि ने कोरोना वायरस का जिक्र ही नहीं किया।


Coronil का संपूर्ण निष्कर्ष क्या है 



यह कोई नया बात नहीं है , की बाबा रामदेव ने अब तक ऐसा कोई भी प्रोडक्ट नहीं बनाया जिस पर योग की तरह सवाल न उठे हों। सवाल ये है कि आखिर बाबा रामदेव ने कैसे ये दवा इतने सारे दावों के साथ लाँच कर दी है ? अब देखना यह होगा की बाबा रामदेव अपनी चुप्पी कब तोड़ते है। क्या उनका दिव्य कोरोनिल से जुड़ी सभी दावे सच है ? क्या उनको फिर से सरकार द्वारा दिव्य कोरोनिल का लाइसेंस मिलेगा ? इन सभी सवालों से जुड़े अपडेट्स के साथ फिर मिलेंगे तब तक घर में रहिये सुरक्षित रहिये। 



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