सभी राज्यों के मुख्यमंत्रीयो ने Lockdown बढ़ाने की अपील की ? प्रधानमंत्री मोदी ने अभी इस पर फैसला नही किया है।
कोरोनावायरस का संकट देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में इस वायरस से प्रभावित केस की संख्या 5 हजार के पार चली गई है, इस बीच अब लॉकडाउन को बढ़ाने की मांग की जा रही है। बुधवार को पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी। नारायणसामी ने भी इसी तरह का समर्थन किया।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि उनकी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की मांग करेगी। लोगों का घरों में रहना ही कोरोनावायरस को फैलाने से बचा सकता है।
गौरतलब है कि कोरोनावायरस के संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था। जो कि 25 मार्च से शुरू होकर 14 अप्रैल तक जारी रहना था, लेकिन अब जब देश में कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं तो कई राज्यों की ओर से इसकी अवधि बढ़ाने की सलाह दी जा रही है।
इस समय की परिकल्पना यह है कि 15 अप्रैल के बाद तक लगभग दो सप्ताह का Lockdown बढ़ना तय है । “यह एक विकसित स्थिति है। सरकार को बस (लॉकडाउन के लिए) इंतजार करने की जरूरत है। ज्यादातर बड़े राज्य जैसे कि यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और राजस्थान ऐसा चाहते हैं, क्योंकि पिछले एक हफ्ते से यह बढ़ोतरी जारी है। लगभग 300 जिलों ने अब तक न्यूनतम एक सकारात्मक मामले के रूप में पुष्टि की है।
सबसे पहले किस राज्य ने Lockdown मांग की जानिए
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सबसे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की ओर से लॉकडाउन को बढ़ाने की मांग की गई. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री से अपील है कि लॉकडाउन को कम से कम दो हफ्तों के लिए बढ़ाया जाए. सीएम ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर को सुधारा जा सकता है, लेकिन लोगों की जान ज्यादा जरूरी है.
भारत सरकार की ओर से सभी अटकलों पर मंगलवार को जवाब भी दिया गया. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि अभी लॉकडाउन को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन कोरोना वायरस के केस की स्थिति और राज्यों के द्वारा मिल रहे फीडबैक के आधार पर ही फैसला लिया जाएगा. कुछ राज्यों ने इसे चरणबद्ध तरीके से भी हटाने की सलाह दी है।
बिहार नीतीश सरकार का बड़ा फैसला कटेंगे मंत्री -विधायक के वेतन
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश सहित बिहार में लॉकडाउन चल रहा है। वहीं, लॉकडाउन के बीच पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार की शाम पांच बजे कैबिनेट की बैठक की। लॉकडाउन के दौरान यह राज्य कैबिनेट की पहली हई। इसमें 29 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें कोरोना के खात्मे के लिए मंत्रियों, विधायकों व पार्षदों के वेतन कटने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई। बिहार कैबिनेट की बैठक पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी विभागों के मंत्री कैबिनेट की बैठक से जुड़े। ऐसा बिहार में पहली बार हुआ है।
जानकारी के अनुसार, बिहार सरकार ने कोरोना के प्रकोप को देखते हुए मंत्री, विधायक व विधान पार्षदों के वेतन में 15 प्रतिशत की कटौती का फैसला लिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सभी मंत्रियों, विधायकों और विधान पार्षदों के वेतन से अगले एक साल तक 15 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। इससे राज्य सरकार को एक वर्ष में करीब 7900 करोड़ की बचत होगी। यह राशि कोरोना कोष में जाएगी।
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