बाबा रामदेव ने दिव्य कोरोनिल टेबलेट को बताया इलाज में कारगर
वैसे तो कोरोना वायरस के इलाज के लिए उपयुक्त दवा या वैक्सीन का इंतजार लम्बे सिरे से चल रही है। वही पूरी दुनिया के वैज्ञानिक तथा डॉक्टर इस महामारी से लड़ने के लिए हर सिरे से प्रयास लगा रहे है। हमने अभी तक यह भी सुना है , की इसराइल , अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया , बांग्लादेश और ब्रिटेन आदि जैसे देशों ने इस महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन बना भी लिए है। लेकिन इन वैक्सीन का मानव पर किये गए परीक्षण में कोई सफलता हाथ नहीं आई है। अमेरिका ने यह भी दावा किया है की अक्टूबर के अंत तक वह इस महामारी से लड़ने के लिए कारगर वैक्सीन तैयार कर लेंगे।
इसी बीच अब भारत के जाने - माने योग गुरु " बाबा रामदेव " ने आज " दिव्य करोनिल टेबलेट " को भारतीय बाजार में लाँच कर दिया है। क्या है , इस दवा से जुड़ी कुछ अहम् बातों पर चर्चा आज करेंगे......
इसी बीच अब भारत के जाने - माने योग गुरु " बाबा रामदेव " ने आज " दिव्य करोनिल टेबलेट " को भारतीय बाजार में लाँच कर दिया है। क्या है , इस दवा से जुड़ी कुछ अहम् बातों पर चर्चा आज करेंगे......
इमेज पतंजलि |
दिव्य करोनिल टेबलेट कितना असरदार है
अब आखिर में योग गुरु बाबा रामदेव आज कोविड-19 के इलाज के लिए 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' को लॉन्च कर दिया। कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल के लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव ने दावा किया कि इस दवा का जिन मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया, उनमें 75 फीसदी मरीज केवल 2 दिन में पॉजीटिव से निगेटिव और सात दिन के अंदर 100 फीसद रोगी कोरोना से मुक्त हो गए। दवा का प्रयोग 320 लोगों पर किया गया।
रामदेव ने कहा कि हमारी दवाई का सौ फीसद रिकवरी रेट है और शून्य फीसदी डेथ रेट है। भले ही लोग अभी हमसे इस दावे पर प्रश्न करें, हमारे पास हर सवाल का जवाब है। हमने सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन किया है।
बता दें पतंजलि आयुर्वेद की औषधि 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' का कोविड-19 मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल के परिणामों की घोषणा आज पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की। इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि पूरा देश जिस क्षण की प्रतीक्षा कर रहा था कि कहीं से इसकी दवा मिल जाए। उन्होंने ने कहा कि आयुर्वेद की पहली दवा पतंजलि ने बना ली है, जो क्लीनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल के बाद आज लॉन्च होने के लिए तैयार है।
इस टेबलेट शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इस दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में किया जा रहा है। इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम, शोधकर्ता और चिकित्सक भी मौजूद है। कुछ दिन पहले आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया था कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान में पांच माह तक चले शोध और चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण के बाद कोविड-19 की आयुर्वेदिक दवा तैयार करने में सफलता मिली है।
इस टेबलेट शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इस दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में किया जा रहा है। इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम, शोधकर्ता और चिकित्सक भी मौजूद है। कुछ दिन पहले आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया था कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान में पांच माह तक चले शोध और चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण के बाद कोविड-19 की आयुर्वेदिक दवा तैयार करने में सफलता मिली है।
कोरोनिल में क्या क्या है
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार दवा में अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस व अणु तेल हैं। यह दवा अपने प्रयोग, इलाज और प्रभाव के आधार पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रमुख संस्थानों, जर्नल आदि से प्रामाणिक है। इसका परीक्षण अमेरिका में किया जा है।
कोरोनिल कैसे काम करता है
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक दिव्य कोरोनिल टैबलेट में शामिल अश्वगंधा कोविड-19 के आरबीडी को मानव शरीर के एसीई से मिलने नहीं देता। इससे संक्रमित मानव शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता। वहीं गिलोय भी संक्रमण होने से रोकता है। तुलसी का कंपाउंड कोविड-19 के आरएनए-पॉलीमरीज पर अटैक कर उसके गुणांक में वृद्धि करने की दर को न सिर्फ रोक देता है, बल्कि इसका लगातार सेवन उसे खत्म भी कर देता है। वहीं श्वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है और बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों की सूजन कम कर देता है। वही यह भी दावा है , की यह इम्युनिटी बूस्ट करने में भी सहायक है।
कोरोनिल का संपूर्ण निष्कर्ष
अब सवाल यह है , की क्या आयुर्वेदिक दवाएँ देंगी कोरोना जैसे महामारी को मात ? अगर यह दिव्य कोरोनिल टैबलेट का रिकवरी रेट 100 फीसदी होता है , तो यह दवा दुनिया की पहली कोरोना रोकथाम दवा साबित होगी। पतंजलि आयुर्वेद पर अब लोगो की निगाहे टिकी है।
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